संपूर्ण क्रांति  - जयप्रकाश नारायण 
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संपूर्ण क्रांति – जयप्रकाश नारायण  || BSEB Class 12th Sampurn Kranti Subjective Question And Answer PDF Download

संपूर्ण क्रांति  – जयप्रकाश नारायण  || BSEB Class 12th Sampurn Kranti Subjective Question And Answer PDF Download

जितने भी छात्र एवं छात्राएं बिहार विद्यालय परीक्षा 2023 या 24 में उपस्थित होंगे उन सभी विद्यार्थी के लिए परीक्षा में 100 मार्क्स का हिंदी सवाल पूछे जाते हैं जिनमें से संपूर्ण क्रांति भी महत्वपूर्ण है इन लेखक का नाम जयप्रकाश नारायण है इनका जन्म 11 अक्टूबर 1902 इसी को सिताबदियारा गांव उत्तर प्रदेश में हुआ था इनकी माता का नाम फुलरानी एवं पिता का नाम हरसू दयाल था इनकी पत्नी का नाम प्रभावती देवी थी इस पाठ में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के फाइनल बोर्ड परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न और उसके आंसर इस आर्टिकल में बताया गया है।

Sampurn Kranti – Highlight

लेखक का नाम 

जयप्रकाश नारायण

शिक्षा  हिन्दी विषय 
 पुकार का नाम  बाउल 
पत्नी  प्रभावती देवी
हृदयग्राही प्रभावित करने वाला 
क्षात्र आंदोलन 1974 
राजनीतिक जीवन 1929 मे कॉंग्रेस मे शामिल 
सम्मान 1998 मे भारत रत्न 
कृतियाँ  रिकंस्ट्रक्शन ऑफ इंडियन पॉलिटी
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Q. दिनकर जी का निधन कहां और किस परिस्थिति में हुआ था

Ans. अपने निधन के दिन दिनकर जी जय प्रकाश नारायण से मिले थे उसी रात में जेपी जी के मिश्र रामनाथ जी गुना का इंडियन एक्सप्रेस के मालिक के घर पर मेहमान था रात को उन्होंने दिल का दौरा पड़ा 3 मिनट में उनको अस्पताल पहुंचाया गया सारी व्यवस्था थी वहां पर सभी डॉक्टर पूरी तरह से तैयार थी फिर भी दिनकर जी को बचाना नहीं जा सका उसी रात उसका निधन हो गया

Q. भ्रष्टाचार की जड़ क्या है इसे किस प्रकार द्वारा किया जा सकता है?

Ans. भ्रष्टाचार की जड़ सरकार की जगह नीतियां इन्हीं के कारण भूख महंगाई और भ्रष्टाचार हैं कोई काम नहीं निकलता है जनता का बिना रिश्वत दिए सरकारी दफ्तर में बैंक में हर जगह टिकट लेना होता है हर तरह के अन्य केवी के बीच जनता द्वारा रही है शिक्षण संस्था भ्रष्ट हो चुकी है हमारे नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है जीवन उनका नष्ट हो रहा है इस प्रकार चारों और भ्रष्टाचार फैली है इसे दूर करने के लिए सरकारी ऐसी नीतियां बनाएं जो लोग कल्याणकारी हो

Q. आंदोलन के नेतृत्व के संबंध में जयप्रकाश नारायण के क्या विचार थे ?आंदोलन का अन्य बस किस शर्त पर वह करते हैं?

Ans. आंदोलन की नेत्र आज के समाज में जेपी जी नारायण कहते हैं कि मैं सब की सलाह लूंगा सब की बात सुनूंगा छात्रों की बात जितना भी ज्यादा होगा जितना भी समय मेरे पास होगा उसे बहस करूंगा समझूंगा और अधिक से अधिक बात करूंगा आपकी बात स्वीकार कर लूंगा लेकिन फैसला मेरे होगा इस फेसबुक पर आपको मानना होगा सत्ता भी इसने तो वार्षिक का कोई मतलब है तभी यह काफी सफल हो सकती है ?

Q. बापू और नेहरू की किस विशेषता का उल्लेख जेपी नारायण ने अपने भाषा में किया था?

Ans.जयप्रकाश कहते हैं कि जब हम नौजवान थे तब उस जमाने में यह जरूरत होती थी कि हम लोग को बापू के सामने यह कहना पड़ता था कि हम नहीं मानते हैं बापू आपकी यह बात और बापू में या मानता था कि वह बुरा नहीं मानते थे फिर भी बुला कर हमें प्रेम से समझाना चाहते थे
               जे पी.कहते है किटोनी जवाहरलाल नेहरू मुझे बहुत मानते थे और मैं उसका बहुत आदर और प्रेम करता था साथ ही आलोचना भी करता था और उनमें बड़का पंथा हमारे आलोचनाओं का बुरा नहीं मानते थे उनके साथ जो मतभेद था वह पर राष्ट्रीय था की नीतियों को लेकर था

Q. दल विहीन लोकतंत्र और समाजवाद में कौन संबंध है ?

Ans. दलविहीन लोकतंत्र सर्वोदय विचार का मुख्य सिद्धांत है और ग्राम सभाओं के आधार पर दल विहीन प्रतिनिधित्व स्थापित हो दल दिह़ी लोकतंत्र को मार्क्सवाद तथा मिलिंग बाद के मूल उद्देश्यों में से हैं मार्क्सवाद के अनुसार समाज जैसे साम्यवाद की ओर बढ़ता जाएगा वैसे-वैसे राज का लक्ष्य होता जाएगा और अंत में एक स्टेटस सोसाइटी कायम होगी वह समाज अवश्य ही लोकतांत्रिक होगी बल्कि उसी समाज ने लोकतंत्र का सच्चा स्वरूप प्रकट होगा और वह लोकतंत्र निश्चित ही दल विहीन होगा।

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