बातचीत – बालकृष्ण भट्ट || BSEB Class 12th Batchit Subjective Question And Answer PDF Download
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से सत्र 2023 या 24 में जितने भी विद्यार्थी परीक्षा देंगे उन सभी विद्यार्थी के लिए दिया आर्टिकल बहुत ही ज्यादा लाभदायक साबित हो सकता है क्योंकि बिहार बोर्ड की ओर से फाइनल परीक्षा में इससे कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाते हैं जिन सवालों का जवाब इस आर्टिकल में आपको देखने को मिलेगा सबसे पहले बातचीत पाठ के लेखक बालकृष्ण भट्ट जी हैं जिनका जन्म 23 जून 18 से 44 ईसवी को इलाहाबाद के उत्तर प्रदेश में हुआ था इनकी माता का नाम पार्वती देवी एवं पिता का नाम बेनी प्रसाद भट्ट था इनका निधन 20 जुलाई 1914 ईस्वी को हुआ था |
बातचीत पाठ से बिहार विद्यालय परीक्षा में पूछे जाने वाले सवाल नीचे बताया गया है जिसे आप पढ़ कर अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं|
लेखक का नाम |
बालकृष्ण भट्ट |
शिक्षा | संस्कृत |
व्यवसाय | 1869-1875 अध्यापक |
नाटक | रेल का विकट खेल |
प्रसहन | जैसा काम वैसा परिणाम |
निबंध | 100 उत्कृष्ट कोटी |
भाषा शैली | भट्ट जी एक प्रसिद्ध निबंधकार थे |
Q. अगर हमें वाक् शक्ति ना होती तो क्या होता ?
Ans.अगर हमें वाक् शक्ति ना होती तो यह पूरी दुनिया गूंगी होती सभी लोग चुपचाप बैठे होते और हम जो बोल कर एक दूसरे के दुख सुख का अनुभव करते हैं वाक् शक्ति ना होने के कारण एक दूसरे से कह पाते और ना ही सुन पाते और ना ही अनुभव कर पाते इसलिए हममे वाक् शक्ति हो ना अनिवार्य है |
Q. किसने कहा कि ‘’ बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है ?
Ans. ऐसा बेन जॉनसन का कहना था कि मनुष्य को बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है |
Q. किसने कहा कि असली बातचीत सिर्फ दो व्यक्ति के बीच हो सकती है ?
Ans. ऐसा एडिशन का मानना था कि असल बात का मजा सिर्फ दो व्यक्तियों के बीच में हो सकता है अगर इससे अधिक व्यक्ति शामिल हो जाते हैं तो वह मनोबल का कहानी बन जाता है इसलिए एडिशन का मानना था कि असल बातचीत का मजा सिर्फ दो व्यक्ति में ही हो सकता है |
Q. बातचीत के संबंध में बेन जॉनसन और एडिशन के क्या विचार है ?
Ans. बेन जॉनसन का विचार है कि बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है. यह बहुत ही सही जान पड़ता है सच है कि जब तक मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण-दोष प्रकट नहीं होता |
एडिशन का विचार है की असली बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में हो सकती है इसका अर्थ यह है कि जब दो आदमी होते हैं तभी अपना दिल एक दूसरे के सामने खोलते हैं जब A3 हुए तब यह दुख की बात कोसों दूर गई कहा भी गया की है कानों में पड़ी बात खुल जाती है |
Q. राम-रमोवल का क्या अर्थ है ?
Ans. राम-रमोवल का अर्थ है मौज मस्ती से भरी हुई बातें जब 4 से अधिक व्यक्तियों की बातचीत राम-रमोवल कहलाती है |
Q. Art of conversation ( बातचीत करने की कला) कहां के लोगों में पाई जाती है ?
बातचीत करने की कला यूरोप में पाई जाती है वहां के लोगों में बातचीत करने की एक कला है जिससे उन लोगों को बातचीत कला के नाम से पहचाना जाता है |
Q. Art of conversation क्या है ?
Ans. Aof conversation बातचीत करने एक कला है यूरोप के लोगों में बहुत ज्यादा प्रचलित है इसमें चतुराई के साथ ऐसे प्रसंग छेड़े जाते हैं जिन्हें सुनकर कानों को बहुत ज्यादा सुख मिलते हैं |
Art of conversation मनुष्य के द्वारा आपस में बातचीत करने की उत्तम कला है जिसके द्वारा मनुष्य बातचीत को आनंदमय बनाए रखता है |
व्याख्या करें – सच है जब मनुष्य बोलता नहीं है तब तक उसका गुण दोष प्रकट नहीं होता प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्य पुस्तक के ‘’बातचीत’’ निबंध से ली गई है जिसके निबंधकार बालकृष्ण भट्ट है |
वे कहते हैं कि बातचीत एक ऐसा विशेष तरीका है जिसके कारण मनुष्य आपस में प्रेम से बात कर उसका आनंद उठाते हैं परंतु जब मनुष्य बहुत ज्यादा बोलता है अर्थात बातचीत के दौरान अपने आप पर काबू नहीं रख पाता है तब वह दोष है जब वह बड़े ही सादगी ले सकीले से बातचीत करता है तो वह गुण है | मनुष्य के चुप रहने पर उसके चरित्र का कुछ पता नहीं चलता है लेकिन वह जैसे ही कुछ बोलता है तो उसकी वाणी के माध्यम से गुण दोष प्रकट होने लगते हैं |